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Gas और कब्ज कम करने का रामबाण दवा

Detox Ayurvedic Powder पेट और लिवर से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में सहायक है। यह विशेष रूप से गैस, कब्ज, एसिडिटी, खट्टी डकार, भूख कम लगना, बार-बार मोशन जाना, जी मिचलाना, और लिवर पर सूजन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह आयुर्वेदिक पाउडर लिवर की कार्यक्षमता को सुधारने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मददगार है।

Detox Ayurvedic Powder का नियमित सेवन करने से पेट में भारीपन, गैस, एसिडिटी, खट्टी डकार, और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। साथ ही, यह भूख बढ़ाने, पाचन को सुधारने और लिवर की सूजन को कम करने में मदद करता है। यह पाउडर लिवर को डिटॉक्स करके पूरे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है, जिससे शरीर को अंदर से स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है।

Detox Ayurvedic Powder एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक समाधान है, जो पेट और लिवर की समस्याओं को प्राकृतिक रूप से दूर करता है

Detox Powder एसिडिटी के विभिन्न प्रकारों के लिए एक प्रभावी और प्राकृतिक समाधान है। यह आहार संबंधी एसिडिटी को कम करने में मदद करता है, जिससे पाचन बेहतर होता है और एसिड का संतुलन बना रहता है। इसके नियमित सेवन से क्रोनिक एसिडिटी के लक्षण, जैसे पेट में जलन और दर्द, में राहत मिलती है। यह रेफ्लक्स एसिडिटी को भी कम करता है, क्योंकि यह भोजन को पचाने में मदद करता है, जिससे एसिड भोजन नली में वापस नहीं आता। दवा जनित एसिडिटी के मामले में, Detox Powder दवाओं के दुष्प्रभावों को घटाने में सहायक है, और तनावजनित एसिडिटी के लिए, यह तनाव और चिंता को कम करके एसिड उत्पादन को संतुलित रखता है।

यह गैस्ट्राइटिस और पेट के अल्सर में भी राहत प्रदान करता है, क्योंकि इसके प्राकृतिक घटक सूजन को कम करते हैं और पेट की परत को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा, Detox Powder पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है, कब्ज की समस्या को कम करता है, और ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है। यह लिवर को विषाक्त पदार्थों से साफ करता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता में सुधार होता है। अंततः, इसके प्राकृतिक तत्व इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाते हैं, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम होता है। इस प्रकार, Detox Powder एक संपूर्ण समाधान है, जो न केवल एसिडिटी को दूर करता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में भी सहायक है।

एसिडिटी के प्रकार और चरण

  • आहार संबंधी एसिडिटी:

    • गलत खान-पान, मसालेदार और तली हुई चीज़ें खाने से होती है।
    • खाने के बाद तुरंत लेटना या भारी भोजन करना।
  • क्रोनिक एसिडिटी (दीर्घकालिक):

    • लंबे समय तक चलने वाली एसिडिटी, जो नियमित रूप से होती है।
    • इसमें पेट में जलन और हार्टबर्न जैसी समस्याएँ शामिल होती हैं।
  • दवा जनित एसिडिटी:

    • कुछ दवाओं के सेवन से एसिडिटी हो सकती है, जैसे कि एनएसएआईडी (NSAIDs)।
    • एसिडिटी की दवा के लंबे समय तक उपयोग से भी यह समस्या हो सकती है।
  • तनावजनित एसिडिटी:

    • मानसिक तनाव या चिंता के कारण पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है।
    • इससे पेट में दर्द और गैस की समस्या हो सकती है।
  • गैस्ट्राइटिस:

    • पेट की परत में सूजन से होने वाली एसिडिटी।
    • इसमें पेट में दर्द, उल्टी और भूख में कमी हो सकती है।
  • पेट के अल्सर:

    • पेट की दीवार पर घाव बनने से होने वाली एसिडिटी।
    • इससे तीव्र दर्द और रक्तस्त्राव की संभावना हो सकती है।

 

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